Next Story
Newszop

थायराइड के लिए पपीता: फायदे और सेवन की सही विधि

Send Push
थायराइड ग्रंथि और इसके प्रभाव

थायराइड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो गर्दन के निचले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन का निर्माण करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जब थायराइड हार्मोन का स्तर बढ़ता या घटता है, तो इससे थायराइड संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे हाइपरथायराइडिज्म या हाइपोथायराइडिज्म। इसके लक्षणों में वजन में बदलाव, थकान और मूड में परिवर्तन शामिल हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि थायराइड के मरीजों के लिए पपीता कितना फायदेमंद हो सकता है और इसे खाने का सही तरीका क्या है।


क्या थायराइड में पपीता खाना चाहिए?

थायराइड के मरीजों के लिए पपीता खाना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद करता है। पपीता खाने से मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, थायराइड के दौरान पपीता का सेवन मेटाबॉलिज्म दर को नियंत्रित करने में सहायक होता है और शरीर को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायोनिन (T3) जैसे हार्मोनों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। पपीता का सेवन शरीर के विकास, हृदय गति, ऊर्जा उत्पादन और तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होता है।


थायराइड में पपीता खाने का सही समय और मात्रा

थायराइड से पीड़ित लोग सुबह नाश्ते में खाली पेट पपीता खा सकते हैं। एक कटोरी पपीता खाना पर्याप्त होता है, इससे अधिक नहीं खाना चाहिए।


पपीता की अधिक मात्रा से बचें

अनुसंधान के अनुसार, पपीते में गोइट्रोजन होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि की आयोडीन अवशोषण की क्षमता में बाधा डाल सकते हैं। इससे थायराइड हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।


Loving Newspoint? Download the app now