इंटरनेट डेस्क। चार दिवसीय छठ महापर्व की आज से शुरूआत हो चुकी है। भगवान भास्कर की आराधना का महापर्व शनिवार को नहाय-खाय से शुरू होगा। रविवार को खरना पूजन के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। सोमवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य और मंगलवार को सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। देश के कई राज्यों में इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
बिहार, झारखंड, छत्तिसगढ़ में मनाया जाता हैं
पटना के गंगा घाटों पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। प्रदेश के प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में देव, बडगांव, उलार, पुण्यार्क आदि जगहों पर छठ व्रती भगवान सूर्य की उपासना में लीन रहेंगे। छठ व्रती गंगा और तालाबों से जल ले जाकर मिट्टी के बने चूल्हे पर शुद्ध वातावरण में प्रसाद तैयार करेंगे।
ग्रह गोचर का बना रहेगा संयोग
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान कार्तिक शुक्ल चतुर्थी में नहाय-खाय के शुरू हो गया है। शनिवार को शोभन , रवि एवं सिद्ध योग के उत्तम संयोग में व्रती नहाय-खाय करेंगी। रविवार को रवियोग व सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रती खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगी। सोमवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग में अस्ताचलगामी सूर्य को एवं मंगलवार को त्रिपुष्कर एवं रवियोग का मंगलकारी संयोग में व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवसीय महापर्व का समापन पारण के साथ करेंगी।
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