इंटरनेट डेस्क। दीपावली के त्योहार के बाद गोर्वधन पूजा और फिर उसके बाद में भाई दूज का त्योहार मनाया जाता हैं और उसके साथ ही दिवाली के पांच दिवसीय दीपोत्सव का समापन हो जाता है। ऐसे में आज हम यह जानेंगे की भाईदूज कब की हैं, भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को टीका करती हैं और उनके स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करती हैं। भाई दूज को भाऊ बीज, भात्र द्वितीया और भतरु द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। ये पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है और इस साल ये तिथि 22 और 23 अक्टूबर दोनों ही दिन पड़ रही है।
भाई दूज कब है 22 या 23 अक्टूबर
भाई दूज 23 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भाई को टीका करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01.19 से 03.35 बजे तक रहेगा।
भाई दूज कैसे मनाते हैं
भाई दूज के दिन बहनें प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लेती हैं और अपने भाई को आमन्त्रित कर पूजा की थाली सजाती हैं। भाई के माथे पर घी का टीका लगाकर कलावा बांधती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। इसके बाद बहन भाई को मिठाई खिलाती है। भाई अपनी सामर्थ्यानुसार बहन को कुछ न कुछ उपहार जरूर देते हैं।
भाई दूज क्यों मनाया जाता है
भाई दूज का त्योहार यमराज और उनकी बहन युमना से जुड़ा है। कहते हैं इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर गए थे। अपने भाई को देख यमुना बहुत प्रसन्न हुईं और उन्होंने उनकी आरती उतारी और अपने हाथों से भोजन बनाकर खिलाया। कहते हैं तभी से भाई दूज मनाने की परंपरा है।
pc- etv bahrat
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