उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अपने आवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में जन स्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी तरह का जन स्वास्थ्य से समझौता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में जिलाधिकारियों, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राज्य में नकली दवाओं के उत्पादन और बिक्री को पूरी तरह से खत्म करने के लिए संयुक्त और गहन अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल कानून के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करेगा, बल्कि जनता में जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी अवसर होगा।
धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि नकली दवाओं की बिक्री से जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है और इसे रोकने के लिए सभी स्तरों पर सख्ती और निगरानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अभियान में राज्य पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा।
बैठक में चर्चा की गई कि नकली दवाओं की पहचान और रोकथाम के लिए फार्मास्यूटिकल कंपनियों, फार्मेसी और दुकानदारों के सहयोग की जरूरत होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पब्लिक हेल्थ और फार्मेसी नेटवर्क के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि नकली दवाओं का उत्पादन और वितरण सिर्फ कानूनी अपराध नहीं बल्कि जीवन के लिए खतरा भी है। उनका सुझाव है कि इस अभियान में डिजिटल निगरानी, रेंडम जांच और सख्त दंड प्रक्रिया को शामिल किया जाए ताकि उत्पादन और बिक्री पूरी तरह रोकी जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस अभियान में जनता का सहयोग जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सिर्फ प्रमाणित और वैध दवाओं का उपयोग करें और किसी भी तरह की संदिग्ध दवा मिलने पर अधिकारियों को तुरंत सूचित करें।
राज्य सरकार का कहना है कि नकली दवाओं के खिलाफ यह अभियान लंबी अवधि तक चलाया जाएगा और समय-समय पर इसके परिणामों की समीक्षा की जाएगी। अधिकारियों को हर जिले में विशेष निगरानी दल और शिकायत हेल्पलाइन स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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