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'मेरे पति को अपनी वाली भाषा में समझाना', डॉक्टर के चैंबर में घुसे पत्नी के दोस्त… पहले पीटा फिर दी धमकी

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मध्य प्रदेश के निवाड़ी नगर में 22 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई थी, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सत्येंद्र कौरव के साथ उनके चेंबर में घुसकर कुछ युवकों ने मारपीट की थी। इस घटना से पूरे नगर में सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, घटना के 48 घंटों के भीतर ही इस पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर पर हमला किसी रंजिश में नहीं, बल्कि डॉक्टर की पत्नी के कहने पर उनके एक दोस्त ने किया था।

डॉक्टर की पत्नी के कहने पर हुआ हमला

वाड़ी थाना पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी बलराम राजपूत सहित उसके तीन साथियों—दीपू उर्फ दीपक, चन्दन जाटव, और मोनू सेन को गिरफ्तार किया है। पुलिस के सामने पूछताछ में मुख्य आरोपी बलराम राजपूत ने जो खुलासा किया, वह बेहद चौंकाने वाला है। बलराम ने बताया कि वह और डॉक्टर सत्येंद्र की पत्नी एक ही स्कूल और कक्षा में पढ़े हैं और वर्तमान में भी दोनों के बीच दोस्ताना बातचीत होती रहती है। बलराम ने बताया कि घटना से एक दिन पहले, डॉक्टर सत्येंद्र की अपनी पत्नी के साथ लड़ाई हुई थी, जिसकी जानकारी उसे मिली थी। डॉक्टर की पत्नी ने बलराम से कहा था कि वह उसके पति को "थोड़ा सा समझा दे।"

अस्पताल में घुसकर जानलेवा हमला

डॉक्टर की पत्नी के कहने पर, आरोपी बलराम राजपूत ने अपने दोस्त दीपू उर्फ दीपक (दिगवा निवासी), चन्दन जाटव और मोनू सेन के साथ निवाड़ी आने का फैसला किया। 22 सितंबर को ये चारों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे और डॉक्टर सत्येंद्र कौरव के चेंबर में घुस गए। आरोप है कि चारों आरोपियों ने ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ जमकर मारपीट की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। मारपीट के बाद चारों आरोपी मौके से फरार हो गए। डॉक्टर के साथ मारपीट की सूचना मिलते ही स्टाफ ने तुरंत उनका इलाज शुरू किया और पुलिस को घटना की जानकारी दी। दिनदहाड़े, बीच बाजार स्थित अस्पताल में हुई इस घटना ने पुलिस प्रशासन को हरकत में ला दिया।

एसपी ने गठित की विशेष टीम, 5000 का इनाम

घटना की जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी बलजीत सिंह पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुँचे और निरीक्षण किया। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में तीन लोग मुंह पर कपड़ा बांधे अस्पताल से बाहर निकलते हुए दिखाई दिए। डॉक्टर कौरव ने इन्हीं लोगों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसपी डॉ. रायसिंह नरवरिया ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्योति ठाकुर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की। एसपी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 5000 रुपये का इनाम भी घोषित किया। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज, आरोपियों के हुलिए और पहनावे के आधार पर जांच शुरू की। फुटेज में आरोपियों को एक काले रंग की कार में बैठकर भागते हुए देखा गया था।

तकनीकी साक्ष्यों से मिली सफलता

जांच के दौरान, पुलिस को मुखबिरों से उस काले रंग की कार (नंबर MP 33 ZE 7933) के बारे में सूचना मिली। पता चला कि यह कार आरती राजपूत पत्नी सुमरन सिंह धाकड़, गांव बिलूपुरा, जिला शिवपुरी के नाम पर है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि घटना के दिन दीपू उर्फ दीपक अपने दोस्तों के साथ इसी कार से निवाड़ी आया था। इस ठोस जानकारी के आधार पर, पुलिस टीम तत्काल दिगवा (जिला दतिया) के लिए रवाना हुई और चारों आरोपियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल, डॉक्टर सत्येंद्र कौरव इस पूरे घटनाक्रम और अपनी पत्नी के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी देने से बच रहे हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उन्हें न्यायालय में पेश करने की तैयारी कर रही है।

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