सीहोर, 03 सितम्बर (Udaipur Kiran) । आपका संदेह भगवान से दूरी बढ़ाता है, क्योंकि संदेह में आप ईश्वर की शक्ति और कृपा पर प्रश्न उठाते हैं। इसके विपरीत, विश्वास आपको भगवान के साथ निकटता की ओर ले जाता है, भगवान श्री कृष्ण ने धृतराष्ट्र और गंधारी को समझाने के पश्चात दुर्योधन से कहा कि यह सब आपके परिवार के है और तुम इनको राज्य, शहर के स्थान पर मात्र पांच गांव प्रदान कर दो, लेकिन इसके बाद भी अंहकारी दुर्योधन के तेवर कमजोर नहीं पड़े, क्योंकि आपका संदेह भगवान से दूर करता है, भगवान तो हर व्यक्ति पर मुसीबत आने से पहले संकेत देता है, लेकिन हमारा विश्वास और विवेक जाग्रत नहीं होने के कारण हम इस बात को समझ नहीं पाते है।
यह विचार मध्य प्रदेश के सीहोर शहर में बड़ा बाजार स्थित अग्रवाल पंचायती भवन में अग्रवाल महिला मंडल के तत्वाधान में जारी सात दिवसीय भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लगातार 26वें वर्ष में यहां पर कथा का आयोजन किया जा रहा है, पहले समिति की महिलाएं स्वयं मेहनत कर व्यवस्था जुटाने का प्रयास करती थी, आज उनके प्रयास से वर्तमान में जो इसका लाभ मिल रहा है। भवन की मजबूती उसकी नींव होती है। मकान बीम-कलम पर स्थिर रहता है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि महाभारत काल में जब भगवान श्री कृष्ण ने शांति स्थापना के लिए दुर्योधन से केवल पांच गांव पांडवों को देने का निवेदन किया था, तब दुर्योधन ने अपने अहंकार में आकर यह कहते हुए प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया कि वह पांडवों को सुई की नोक के बराबर भी जमीन नहीं देगा। दुर्योधन का यह कथन दर्शाता है कि उसे सत्ता और संपत्ति का इतना मोह था कि उसने बिना किसी विचार के शांति का प्रस्ताव ठुकरा दिया, इस अस्वीकृति के कारण महाभारत का महासंग्राम हुआ।
उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने जब श्रीरामचरितमानस में सिय राम मय सब जग जानी चौपाई लिखी, तो उन्हें संदेह हुआ कि क्या वे सभी को समान रूप से देख पा रहे हैं। इस पर हनुमान जी ने उन्हें गले से लगाकर समझाया कि उन्होंने क्रोधित बैल में राम को देखा, लेकिन उस बालक को नहीं देखा जो बचाने आया था और तुलसीदास जी के पास पहले ही आया था, जिससे उनकी संदेह की भावना समाप्त हो गई। कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने वामन अवतार का प्रसंग बताया।
भगवान का स्मरण हर पल करना चाहिए
पंडित मिश्रा ने कहा कि भगवान का स्मरण हर पल करना चाहिए। आधुनिक दौर में लोगों के पास समय बहुत है, लेकिन फिर भी वे समय न होने का बहाना बहाते हैं और मंदिर में दर्शन करने जाने अथवा सत्संग सुनने के लिए समय नहीं निकाल पाते। कहते हैं कि बुढ़ापे में जब समय होगा, तब भक्ति करेंगे। अरे, जब चलने-फिरने की उम्र है, तब भक्ति नहीं हो रही है तो बुढ़ापे में जब हाथ-पैर कांपने लगेंगे, तब क्या भक्ति कर पाओगे, भक्ति करने की कोई उम्र नहीं होती है। हमें प्रहलाद और ध्रुव से भक्ति करने का गुण सीखना चाहिए। कम उम्र में कठोर तपस्या करके दोनों भक्तों ने भगवान की गोद में जगह पाई।
भगवान को तभी याद करते हैं, जब वे मुसीबत में होते
उन्होंने कहा कि भगवान को तभी याद करते हैं, जब वे मुसीबत में होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। भगवान की भक्ति हर पल करनी चाहिए। दुख में ही नहीं, सुख के दिनों में भी प्रार्थना करनी चाहिए। भक्त के भाव पवित्र होना चाहिए, तभी भगवान की कृपा मिल सकती है। भक्ति कैसी होनी चाहिए, ये हम भक्त ध्रुव की कथा से समझ सकते हैं। भागवत में भक्त ध्रुव की कथा आती है। ध्रुव के पिता की दो पत्नियां थीं। पिता को अपनी दूसरी पत्नी से अधिक प्रेम था, जो कि ज्यादा सुंदर थी। उसी से पैदा हुए पुत्र से ज्यादा स्नेह भी था। एक दिन एक सभा के दौरान ध्रुव अपने पिता की गोद में बैठने के लिए आगे बढ़ा तो सौतेली मां ने उसे रोक दिया। उस समय ध्रुव पांच साल का ही था। वह रोने लगा। सौतेली मां ने कहा जा जाकर भगवान की गोद में बैठ जा। इसके बाद ध्रुव ने अपनी मां के पास जाकर पूछा कि मां भगवान कैसे मिलेंगे, मां ने जवाब दिया कि इसके लिए तो जंगल में जाकर घोर तपस्या करनी पड़ेगी। बालक ध्रुव ने जिद पकड़ ली कि अब भगवान की गोद में ही बैठना है। वह जंगल की ओर निकल पड़ा और भगवान को अपनी तपस्या के बल पर प्राप्त किया।
कथा स्थल पर पहुंचकर आशीर्वाद लिया
अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष रुकमणी रोहिला ने बताया कि बुधवार को कथा के दौरान विधायक सुदेश राय, वरिष्ठ समाजसेवी अरुणा राय, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर सहित अन्य ने कथा स्थल पर पहुंचकर आशीर्वाद ग्रहण किया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अग्रवाल समाज के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, सत्यनारायण मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष निलेश जयपुरिया, अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्ष रुकमणी रोहिला, उपाध्यक्ष प्रेमलला रुठिया, कोषाध्यक्ष संध्या मोदी, सचिव मोहिनी अग्रवाल और सह सचिव ज्योति मोदी आदि ने श्रद्धालुओं से कथा का श्रवण करने की अपील की।
(Udaipur Kiran) तोमर
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