कठुआ 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । द नेचर मैनकाइंड फेंडली ग्लोबल पार्टी के संस्थापक और पूर्व ऊर्जा मंत्री बाबू सिंह के तत्वावधान और नेतृत्व में द नेचर मैनकाइंड फेंडली ग्लोबल पार्टी ने कठुआ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कठुआ और किश्तवाड़ में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई हालिया दर्दनाक त्रासदी पर चर्चा की गई।
कठुआ में सात लोग मारे गए और 16 से ज्यादा घायल हुए जबकि किश्तवाड़ में सैकड़ों लोग मारे गए। बाबू सिंह और द नेचर मैनकाइंड फें्रडली ग्लोबल पार्टी के अन्य नेताओं ने मारे गए लोगों को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी चिंता और एकजुटता व्यक्त की और घायलों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की। पत्रकारों को संबोधित करते हुए बाबू सिंह ने कहा कि कठुआ, किश्तवाड़, लेह बादल फटने की घटनाएं ग्लोबल वार्मिंग-जलवायु परिवर्तन के वैश्विक संकट का परिणाम हैं। ग्लोबल वार्मिंग ने ग्रह पृथ्वी के वातावरण में नमी को कई गुना बढ़ा दिया है। बादल फटना एक तीव्र और अचानक बारिश की घटना है जो आमतौर पर एक छोटे से क्षेत्र तक सीमित होती है। बादल फटना एक चरम मौसम की घटना है। इसकी प्रकृति या चरित्र एक घंटे के भीतर 100 मिमी से अधिक अचानक तीव्र वर्षा है जो फ्लैश-फ्लड की ओर ले जाती है। बादल फटना तब होता है जब गर्म और नमी से भरी हवा तेजी से ऊपर उठती है, ठंडी होती है और घने बादलों में संघनित होती है ऊँचाई वाले क्षेत्रों में निम्न दाब क्षेत्र नमी से भरी हवाओं को आकर्षित करते हैं जिससे भारी बादल बनते हैं और अंततः बादल फटते हैं। जब हवा में अधिक नमी होती है, तो कोई भी वायुमंडलीय विक्षोभ अत्यधिक वर्षा का कारण बन सकता है। बाबू सिंह का विशेषज्ञ मत है कि गर्म नमी वाली हवा और ठंडी हवा वाले क्षेत्रों के बीच टकराव से अस्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं जिससे बादल फटते हैं। ग्लोबल वार्मिंग ने वैश्विक तापमान में वृद्धि की है जिससे वायुमंडलीय नमी का स्तर बढ़ गया है, जिससे बादल फटने की घटनाएँ अधिक बार और तीव्र हो गई हैं। सिंह ने कहा कि समय की मांग है कि केवल न्यूनीकरण पर ही नहीं बल्कि अनुकूलन पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाए। ग्राम स्तर से लेकर वैश्विक स्तर तक प्रकृति-मानव-मित्र विश्व एवं मानव समाज का निर्माण एवं स्थापना वर्तमान वैश्विक युग की ऐतिहासिक आवश्यकता है।
बाबू ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा, आवास एवं भवन राहत, पशु हानि राहत, क्षतिग्रस्त सड़कों एवं अवसंरचनाओं की तत्काल मरम्मत की भी मांग की। बाबू सिंह ने कठुआ के उपायुक्त, किश्तवाड़ के उपायुक्त और अन्य सभी जिलों के उपायुक्तों से संकट के शमन एवं अनुकूलन हेतु प्रमुख लोगों एवं जनप्रतिनिधियों की बैठकें आयोजित करने की भी मांग की ताकि उनसे वास्तविक जानकारी और सुझाव प्राप्त किए जा सकें। राज्य सरकार को पूरे जम्मू-कश्मीर में विशेष विधानसभा सत्र और जनसभाएँ भी आयोजित करनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
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