रायपुर, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आज शुक्रवार से कलमबंद-कार्यालय बंद आंदोलन शुरू हो गया है, जिसका पहले ही दिन व्यापक असर दिखाई दिया। राजधानी स्थित इंद्रावती भवन से लेकर प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। यूनिवर्सिटी और स्थानीय निकायों में भी सन्नाटा पसरा रहा।
फेडरेशन ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर यह बेमुद्दत आंदोलन शुरू किया है। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (डीए), डीए एरियर्स का भुगतान, चार स्तरीय समयमान वेतनमान, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करना, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण, संविदा और अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण तथा सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
फेडरेशन अध्यक्ष कमल वर्मा ने आंदोलन को लेकर कहा कि यदि सरकार ने समय पर मांगों पर संज्ञान नहीं लिया, तो 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी। धरना स्थलों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। इंद्रावती भवन में फिर से तालाबंदी जैसी स्थिति बन गई है। इससे पहले कांग्रेस शासनकाल में भी इसी तरह की बेमुद्दत हड़ताल 17 दिनों तक चली थी, जिसने पूरे प्रशासनिक कामकाज को ठप कर दिया था। कर्मचारी संगठनों का दावा है कि इस बार आंदोलन में प्रदेशभर के कर्मचारियों की अभूतपूर्व एकजुटता देखने को मिलेगी।
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(Udaipur Kiran) / चन्द्र नारायण शुक्ल
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