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हिमाचल में बारिश का कहर, अबतक 360 मौतें, चार हाईवे और 1087 सड़कें बंद, फिर भारी बारिश का अलर्ट

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शिमला, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में इस बार का मॉनसून भारी तबाही लेकर आया है। अब तक बारिश जनित हादसों में 360 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 47 लोग लापता और 426 घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 58 लोगों की जान मंडी जिले में गई है। कांगड़ा में 50, चंबा में 43, शिमला में 39, कुल्लू में 33, किन्नौर में 28, सोलन में 26, उना में 22, बिलासपुर और सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की मौत हुई है।

बरसात से सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश में शुक्रवार शाम तक 4 नेशनल हाइवे और 1087 सड़कें बंद पड़ी रहीं। सबसे गंभीर स्थिति मंडी जिले की है, जहां चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे 31 अगस्त से लगातार बंद है। इसके अलावा किन्नौर का एनएच-05, कुल्लू का एनएच-3 और एनएच-305, लाहौल-स्पीति का एनएच-505 और मंडी का एनएच-03 भी ठप हैं। अकेले मंडी जिले में 275 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में 225, शिमला में 201, चंबा में 166 और कांगड़ा में 41 सड़कें आवाजाही के लिए ठप हैं। सड़कों के बंद रहने से ट्रकों में लदा माल, सब्जियां और फल खराब होने लगे हैं। सेब सीजन पर इसका सीधा असर पड़ा है।

भारी बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी बुरा असर पड़ा है। प्रदेश में अब तक 2838 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा 1923 कुल्लू, 463 शिमला, 221 मंडी और 160 चंबा में खराब पड़े हैं। इसी तरह 509 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। शिमला की 226, मंडी की 78, कुल्लू की 63 और चंबा की 60 पेयजल योजनाएं बंद हैं।

मकानों और संपत्तियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। अब तक 5662 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1078 पूरी तरह गिर गए। 452 दुकानें और 4816 पशुशालाएं भी ढह गई हैं। राज्य सरकार ने शुरुआती आकलन में सार्वजनिक संपत्ति को 3979 करोड़ रुपये का नुकसान बताया है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 2743 करोड़, जलशक्ति विभाग को 2425 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।

बरसात ने पशुधन को भी नुकसान पहुंचाया है। अब तक 1967 पशुओं और 26 हजार से ज्यादा पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। इस मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में 133 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। लाहौल-स्पीति में सबसे ज्यादा 27 भूस्खलन और 56 फ्लैश फ्लड हुए हैं। मंडी जिला बादल फटने की 19 घटनाओं के साथ सबसे आगे है।

हालांकि फिलहाल बारिश थोड़ी कमजोर हुई है, लेकिन मौसम विभाग ने फिर अलर्ट जारी किया है। 8 और 9 सितंबर को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट दिया गया है। 8 सितंबर को उना और सिरमौर, जबकि 9 सितंबर को बिलासपुर, सोलन और कांगड़ा में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। 7, 10 और 11 सितंबर को किसी तरह का अलर्ट नहीं है। बीते 24 घंटों में मंडी के बाग्गी में सबसे ज्यादा 61 मिमी बारिश दर्ज की गई।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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