कोलकाता, 06 मई . मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुए सांप्रदायिक हिंसा में पिता और पुत्र की मौत के मामले में पीड़ित महिलाओं की शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने कड़ा रुख अपनाया है. आयोग ने इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों को नौ मई, 2025 को सुबह 11 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तलब किया है.
महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहाटकर को भेजे गए पत्र में हरगोबिंद दास और चंदन दास की विधवाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें न्याय मिलने के बजाय प्रताड़ना और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. पत्र में लिखा गया है कि कोलकाता में जहां वे अस्थायी रूप से शरण लिए हुए थीं, वहां पुरुष पुलिसकर्मियों का एक दल बिना किसी महिला पुलिसकर्मी और कानूनी दस्तावेज के दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और उन्हें जबरन हिरासत में लेने की कोशिश की.
एनसीडब्ल्यू के बयान के अनुसार, यह पत्र केवल शिकायत नहीं, बल्कि दो बेसहारा महिलाओं की न्याय के लिए एक बेबस पुकार है, जो अपने पति और बेटे को खो चुकी हैं और अब उस तंत्र से डरी हुई हैं जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बना है.
आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को तत्काल रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है और साथ ही इस बात का स्पष्टीकरण भी मांगा है कि पुलिस की भूमिका इस पूरे मामले में क्या रही.
इस विवाद की शुरुआत रविवार रात उस समय हुई जब कोलकाता के साल्ट लेक इलाके स्थित एक सेफ हाउस पर अचानक पुलिस का छापा पड़ा. आरोप है कि बिधाननगर सिटी पुलिस के जवान वहां जबरन घुस आए और दरवाजा तोड़कर परिवार के सदस्यों को वहां से जबरदस्ती ले जाने की कोशिश की.
इस बीच, सूचना पाकर भाजपा नेता कौस्तव बागची और कोलकाता नगर निगम के पार्षद सजल घोष मौके पर पहुंचे. उनके और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी बहस के बाद पुलिस वहां से लौट गई.
पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने परिवार को जबरन ले जाने की कोशिश की. पुलिस का दावा है कि शनिवार शाम एक शिकायत दर्ज हुई थी जिसमें कहा गया था कि ये महिलाएं अगवा कर ली गई हैं, और वे उन्हें बचाने पहुंचे थे. हालांकि, पीड़ित महिलाओं ने पुलिस के इस दावे को खारिज किया और कहा कि वे स्वेच्छा से सुरक्षित स्थान पर आई हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें जबरन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुर्शिदाबाद में होने वाली बैठक में पेश करने के उद्देश्य से ले जाना चाहती थी.
इससे पहले सोमवार को ही पीड़िता महिलाओं ने कलकत्ता हाई कोर्ट में भी एक याचिका दायर की है जिसमें पुलिस की ज्यादती की शिकायत की गई है.
/ ओम पराशर
You may also like
जम्मू-कश्मीर: पुंछ में खाई में गिरी बस, दो की मौत, 40 घायल
Garena Free Fire MAX Redeem Codes for May 6: Unlock Daily Rewards, Tips, and How to Redeem
वरुण तेज और लवण्या त्रिपाठी बनने जा रहे हैं माता-पिता
बड़ी उम्र की महिलाओं से शादी के फायदे: जानें क्यों यह एक अच्छा विकल्प है
IPL 2025: कोहली और रोहित सहित इन दिग्गजों के क्लब में शामिल हुए केएल राहुल