Next Story
Newszop

बिलासपुर में तीन साल की बच्ची की मौत के मामले पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने लिया संज्ञान, बताया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण

Send Push

बिलासपुर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) . छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिलासपुर शहर के तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर हादसे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए शुक्रवार को सुनवाई की. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने तीन साल की बच्ची की मौत को बेहद गंभीर मामला बताया.

अदालत ने तीखे अंदाज में सवाल उठाया कि, आंगनबाड़ी परिसर में डीजे का सामान क्यों रखा गया, क्या वहां नाच-गाना होता है. इस पर शासन की ओर से बताया गया कि एक आंगनबाड़ी कर्मचारी का रिश्तेदार डीजे संचालक है और उसी का सामान वहां रखा गया था. चीफ जस्टिस ने इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मासूम की मौत हुई है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. वहीं इस मामले में कलेक्टर बिलासपुर से व्यक्तिगत जवाब-तलब कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि पीड़ित परिवार को अब तक क्या मुआवजा और सहायता दी गई..? अदालत ने साफ कहा कि हमारी नजर में आया तो किसी को नहीं छोड़ेंगे. मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी.

यह है पूरा मामला-

14 अगस्त की सुबह करीब 11:15 बजे तीन साल की मुस्कान महिलांगे तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर में बने आंगनबाड़ी के आसपास में बच्चों के साथ खेल रही थी. तभी डीजे संचालक रोहित देवांगन द्वारा लापरवाही से दीवार पर टिकाकर रखे गए लोहे के पाइपों में से एक अचानक उसके सिर पर गिर गया. गंभीर चोट लगने पर उसे जिला अस्पताल और फिर सिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ कि यह हादसा पूरी तरह लापरवाही से हुआ है. पुलिस ने आरोपित डीजे संचालक रोहित देवांगन और उसके सहयोगियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 106, 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया है.

(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

Loving Newspoint? Download the app now