– सीजन में हर माह 100 से अधिक हो रही हैं शादियां
रुद्रप्रयाग, 07 मई . शिव- पार्वती का विवाहस्थल त्रिजुगीनारायण वैश्विक वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी, कई मौकों पर रुद्रप्रयाग जनपद स्थित त्रिजुगीनारायण डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड की ब्रांडिंग कर चुके हैं. इसका असर, त्रिजुगीनारायण मंदिर में साफ तौर पर नजर आ रहा है. जहां देश विदेश से लोग सनातन परम्पराओं के अनुसार विवाह करने के लिए पहुंच रहे हैं. शादियों के सीजन में अब यहां हर महीने 100 से अधिक शादियां हो रही हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद, उत्तराखंड में देश-विदेश के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है. सरकार उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता दे रही है. देवभूमि उत्तराखंड आपका स्वागत करने के लिए तैयार है.
त्रिजुगीनारायण मंदिर में देश विदेश से डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हें. इससे यहां होटल कारोबारियों से लेकर पंडे-पुजारियों, वेडिंग प्लानर, मांगल टीमों और ढोल दमौ वादकों सहित कई अन्य लोगों को काम मिल रहा है.
क्षेत्र की वेडिंग प्लानर रंजना रावत के मुताबिक, 07 से 09 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉक्टर प्राची, यहां शादी करने के लिए पहुंच रही है. इसके लिए उन्होने जीएमवीएन टीआरएच बुक किया हुआ है. उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल तक ही यहां करीब 500 शादियां हो चुकी हैं, जबकि 2024 में कुल 600 शादियां ही हुई थी. उन्होंने बताया कि अब तक यहां इसरो के एक वैज्ञानिक, अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, निकिता शर्मा, गायक हंसराज रघुवंशी, यूट्यूबर आदर्श सुयाल, गढ़वाली लोकगायक सौरभ मैठाणी के साथ ही कई, जानी मानी हस्तियां सात फेरे ले चुके हैं.
मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी ने बताया कि यहां सनातन मतावलंबियों का विवाह वैदिक परंपराओं के अनुसार सम्पन्न होता है, इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है. साथ ही माता-पिता या अभिभावकों की मौजूदगी में ही विवाह समपन्न होता है. उन्होंने बताया कि सात फेरों के लिए मंदिर परिसर में ही वेदी बनाई गई है, इसके बाद अखंड ज्योति के साथ पग फेरा लिया जाता है. इसके अलावा अन्य सभी आयोजन, नजदीकी होटल और रिजॉर्ट में सम्पन्न किए जाते हैं. सीतापुर तक के होटल में अन्य विवाह समारोह भी स्थानीय पुजारियों द्वारा सम्पन्न कराए जाते हैं, इसके लिए दक्षिणा की दरें तय की गई हैं.
त्रिजुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. मान्यता है कि यहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. स्वयं भगवान विष्णु ने इस विवाह में देवी पार्वती के भाई (कन्यादानकर्ता) का कर्तव्य निभाया था. मंदिर प्रांगण में एक पवित्र अखंड अग्नि है, मान्यता है कि शिव पार्वती ने इसी अग्नि के सात फेरे लिए थे. मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती-जुलती है.———————-
/ राजेश कुमार
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