भारत में कारों का बाजार हमेशा से गहमागहमी भरा रहा है, लेकिन Hyundai, जो कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी थी, अब एक अनिश्चित मोड़ पर खड़ी है। एक समय भारतीय सड़कों पर Hyundai की Creta, Grand i10 Nios और i20 जैसी गाड़ियां हर तरफ दिखती थीं, लेकिन अब कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 12 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। Maruti Suzuki, Mahindra और Tata Motors ने Hyundai को पीछे छोड़ दिया है। आखिर क्या हुआ कि यह दिग्गज कंपनी चौथे स्थान पर खिसक गई? आइए, इसकी वजहों और भविष्य की संभावनाओं पर नजर डालते हैं।
अप्रैल 2025: हुंडई को झटकाFederation of Automotive Dealers Associations (FADA) की ताजा रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया। अप्रैल 2025 में Hyundai की बाजार हिस्सेदारी घटकर 12.47% रह गई, जो पिछले साल 14.29% थी। Maruti Suzuki अभी भी शीर्ष पर बनी हुई है, लेकिन Mahindra और Tata Motors ने तेजी से अपनी स्थिति मजबूत की है। Hyundai अब इन तीनों से पीछे चल रही है। यह गिरावट कंपनी के लिए एक बड़ा खतरे का संकेत है।
SUV पर जोर, लेकिन बजट कारों की अनदेखीHyundai ने हाल के वर्षों में अपनी रणनीति को SUV सेगमेंट, खासकर Creta, पर केंद्रित किया है। अप्रैल 2025 में कंपनी की कुल बिक्री का 38% हिस्सा अकेले Creta ने दिया। लेकिन दूसरी कारें जैसे Grand i10 Nios, Aura, Venue, Exter और i20 की बिक्री में भारी गिरावट देखी गई। भारतीय बाजार में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की मांग सबसे ज्यादा है, लेकिन Hyundai ने इस सेगमेंट को लगभग नजरअंदाज कर दिया। दूसरी ओर, Mahindra और Tata Motors ने इस बजट सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत की है, जिसका फायदा उन्हें मिल रहा है।
i20 की चमक फीकी, ग्राहक निराशHyundai की i20, जो कभी प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट की रानी थी, अब फीचर्स की कटौती की वजह से ग्राहकों का भरोसा खो रही है। 2025 के अपडेट में कंपनी ने Cooled Glovebox, Puddle Lamps और Door Tweeter Cover जैसे फीचर्स हटा दिए। इससे ग्राहक नाराज हैं। दूसरी तरफ, Maruti Suzuki की Baleno ने 1 लाख से ज्यादा यूनिट्स की बिक्री के साथ अपनी बादशाहत कायम रखी है। Hyundai को अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं पर दोबारा ध्यान देना होगा।
नई कंपनियों का दबावभारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा पहले से कहीं ज्यादा तीव्र हो गई है। Kia, Toyota और MG Motor जैसी कंपनियां Hyundai पर दबाव बना रही हैं। Kia ने अप्रैल 2025 में 18.3% की बिक्री वृद्धि दर्ज की और जल्द ही उनकी नई SUV मॉडल Clavis और Syros बाजार में उतरने वाले हैं। इन नई गाड़ियों से Hyundai की चुनौतियां और बढ़ सकती हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों में भी पिछड़ रही Hyundaiइलेक्ट्रिक वाहन (EV) सेगमेंट में Hyundai ने अप्रैल 2025 में 654% की वृद्धि दिखाई, लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ 686 यूनिट्स तक सीमित रहा। दूसरी ओर, Tata, MG Motor और Mahindra ने इस सेगमेंट में मजबूत पकड़ बना ली है। Hyundai को EV बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए और मेहनत करनी होगी।
Hyundai की वापसी की उम्मीदइस गिरावट से चिंतित Hyundai ने दक्षिण कोरिया से एक विशेष Fact-Finding Team भारत भेजी है, जो यह पता लगाएगी कि कंपनी कहां चूक रही है। माना जा रहा है कि Hyundai अब 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों पर फिर से ध्यान दे सकती है। भारतीय बाजार में सफलता के लिए कंपनी को ग्राहकों की जरूरतों और बजट को प्राथमिकता देनी होगी।
भारतीय बाजार का सबकHyundai की कहानी हमें सिखाती है कि भारतीय बाजार में सिर्फ SUV या महंगी गाड़ियों से काम नहीं चलता। आम ग्राहकों की जरूरतों को समझना और संतुलित रणनीति अपनाना जरूरी है। Hyundai के पास अनुभव, तकनीक और ब्रांड वैल्यू है, लेकिन अब उसे सही दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। क्या Hyundai फिर से भारतीय बाजार में अपनी पुरानी चमक हासिल कर पाएगी? यह समय और कंपनी की रणनीति पर निर्भर करता है।
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