भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की चर्चा हर तरफ जोरों पर है। यह ऐसी तकनीक है जो देश के सुदूर गांवों, पहाड़ी इलाकों और उन क्षेत्रों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाएगी, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। लोगों में इस बात को लेकर उत्साह है कि यह सेवा कब शुरू होगी और उनकी जिंदगी को कैसे आसान बनाएगी। हाल ही में केंद्रीय संचार मंत्री Jyotiraditya Scindia ने इस दिशा में एक बड़ा अपडेट साझा किया है, जिसने इस तकनीक के भविष्य को लेकर उम्मीदें और बढ़ा दी हैं। आइए, इस क्रांतिकारी तकनीक और इसके साथ जुड़े ताजा अपडेट्स को विस्तार से समझते हैं।
Jyotiraditya Scindia और Sanchaar Mitra Yojana का नया कदमकेंद्रीय संचार मंत्री Jyotiraditya Scindia ने हाल ही में Sanchaar Mitra Yojana की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद टेलीकॉम सेक्टर को और पारदर्शी बनाना और आम लोगों तक इसकी पहुंच को और आसान करना है। इस मौके पर जब उनसे सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार लाइसेंस और स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए तैयार है, बशर्ते कंपनियां TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) के नियमों का पालन करें। Scindia ने बताया कि दो कंपनियां पहले ही जरूरी शर्तें पूरी कर चुकी हैं, और तीसरी कंपनी भी जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करने वाली है। यह खबर उन लोगों के लिए राहत की बात है, जो सैटेलाइट इंटरनेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सैटेलाइट इंटरनेट के लिए लाइसेंसिंग का रास्ताJyotiraditya Scindia ने साफ किया कि सरकार का काम कंपनियों को नियमों के तहत लाइसेंस और स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराना है। इसके बाद यह कंपनियों की जिम्मेदारी होगी कि वे अपनी सेवाओं को कैसे और कब लॉन्च करती हैं। TRAI द्वारा निर्धारित नियमों के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं न केवल तेज हों, बल्कि सुरक्षित और विश्वसनीय भी हों। Scindia ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का लक्ष्य ऐसी नीतियां बनाना है, जो तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दें और भारत को डिजिटल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएं।
India Mobile Congress 2025: तकनीक का महाकुंभJyotiraditya Scindia ने India Mobile Congress (IMC) 2025 की थीम "Innovate To Transform" का भी अनावरण किया। यह आयोजन 8 से 11 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली के Yashobhoomi Convention Centre में होगा। यह एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल टेक्नोलॉजी फोरम है, जिसमें 150 से अधिक देशों से 1.5 लाख से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। इस आयोजन में 400 से अधिक प्रदर्शक और 7,000 से ज्यादा वैश्विक प्रतिनिधि शामिल होंगे। IMC 2025 में ASPIRE नामक एक विशेष कार्यक्रम भी होगा, जो 500 से अधिक स्टार्टअप्स को 300 से ज्यादा निवेशकों, इनक्यूबेटरों और वेंचर कैपिटलिस्ट्स से जोड़ेगा। यह स्टार्टअप्स के लिए मेंटरशिप, लाइव पिचिंग और नेटवर्किंग का सुनहरा मौका होगा। आयोजन में 100 से अधिक कॉन्फ्रेंस होंगी, जिनमें 800 से ज्यादा वक्ता तकनीक और नवाचार पर अपने विचार साझा करेंगे। यह आयोजन Department of Telecommunications और Cellular Operators Association of India (COAI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
सैटेलाइट इंटरनेट का भारत के लिए महत्वसैटेलाइट इंटरनेट भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह तकनीक ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा, टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा देगी। खासकर उन इलाकों में, जहां फाइबर ऑप्टिक या मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं है, सैटेलाइट इंटरनेट एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। यह न केवल आम लोगों को डिजिटल दुनिया से जोड़ेगा, बल्कि भारत को तकनीकी नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने में भी मदद करेगा।
निष्कर्ष: डिजिटल भारत की नई उड़ानसैटेलाइट इंटरनेट और India Mobile Congress 2025 जैसे आयोजन भारत को डिजिटल क्रांति के अगले पड़ाव पर ले जाने के लिए तैयार हैं। Jyotiraditya Scindia के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना और इसे हर भारतीय तक पहुंचाना है। जैसे-जैसे लाइसेंसिंग और स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया पूरी होगी, सैटेलाइट इंटरनेट भारत में एक नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत करेगा।
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