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ढाबे का मजदूर, 10 हजार कमाई, फिर भी IT विभाग ने थमाया 46 करोड़ का नोटिस!

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ग्वालियर-चंबल अंचल से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जो हर किसी को चौंका रही है। भिंड जिले के रविंद्र सिंह चौहान, जो एक छोटे से होटल में कुक हेल्पर का काम करते हैं, उनकी जिंदगी में उस वक्त तूफान आ गया, जब आयकर विभाग ने उन्हें 46 करोड़ रुपये का नोटिस भेज दिया। रविंद्र की मासिक कमाई महज 8 से 10 हजार रुपये है। ऐसे में इतना बड़ा नोटिस उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है।

होटल में काम, अचानक आया नोटिस

रविंद्र इन दिनों पुणे के एक होटल में काम कर रहे थे। 9 अप्रैल 2025 को उनके घर एक नोटिस आया, जो अंग्रेजी में लिखा था। इसे पढ़ना उनके और उनके परिवार के लिए मुश्किल था। पहले तो उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया, लेकिन 25 जुलाई को एक और ऐसा ही नोटिस मिला। इस बार वे घबरा गए। जब वे अपने गांव लौटे, तो पड़ोस में रहने वाले एक वकील से संपर्क किया। वकील ने बताया कि यह आयकर विभाग का नोटिस है, जिसमें 46 करोड़ रुपये के लेनदेन का जिक्र है।

फर्जी खाते ने बर्बाद की जिंदगी

इस खबर ने रविंद्र की जिंदगी को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया। उन्होंने बताया कि उनके बैंक खाते में साल भर में तीन लाख रुपये का भी लेनदेन नहीं होता। फिर 46 करोड़ रुपये का आरोप कैसे? एक महीने की छानबीन के बाद रविंद्र को पता चला कि सात साल पहले वे एक टोल कंपनी में काम करते थे। वहां के सुपरवाइजर शशिभूषण राय ने उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर पीएफ अकाउंट के नाम पर एक फर्जी खाता खुलवाया था। उसी खाते के जरिए करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ।

हाईकोर्ट में न्याय की गुहार

रविंद्र ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हारकर उन्होंने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जांच में यह भी सामने आया कि रविंद्र के नाम पर दो बैंक खाते हैं – एक भिंड में और दूसरा दिल्ली में। दिल्ली वाले खाते से 46 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ, जो शौर्या ट्रेडिंग नाम की कंपनी से जुड़ा है। इस खाते में अभी करीब 13 लाख रुपये जमा हैं। अब रविंद्र हाईकोर्ट से इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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