क्या आप ऑफिस में घंटों बैठकर काम करते हैं और दिन के अंत में गर्दन या कमर में दर्द महसूस करते हैं? आप अकेले नहीं हैं! आजकल डेस्क जॉब करने वालों में ये दिक्कत आम हो गई है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि कुछ छोटी-छोटी आदतें (माइक्रो-हैबिट्स) अपनाकर आप इस दर्द को कम कर सकते हैं। ये 8 आसान टिप्स, जैसे टाइमर का इस्तेमाल, सही पोस्ट्चर और स्ट्रेचिंग, आपके ऑफिस रूटीन को हेल्दी बना सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे!
सही पोस्ट्चर है पहला कदमकाम करते वक्त आपकी बैठने की मुद्रा सबसे ज्यादा मायने रखती है। अगर आप कुर्सी पर झुककर बैठते हैं या स्क्रीन की तरफ गर्दन झुकाए रहते हैं, तो दर्द होना तय है। अपनी कुर्सी को इस तरह सेट करें कि आपकी कमर सीधी रहे और पैर जमीन पर सपाट हों। स्क्रीन को आंखों के लेवल पर रखें ताकि गर्दन पर जोर न पड़े। हर 30 मिनट में अपनी पोस्ट्चर चेक करें और जरूरत हो तो उसे ठीक करें। ये छोटा सा बदलाव आपके शरीर को बड़ा आराम देगा।
टाइमर का जादू: ब्रेक लेना न भूलेंकाम में इतना खो जाना कि ब्रेक लेना ही भूल जाएं, ये गलती ज्यादातर लोग करते हैं। हर 25-30 मिनट में टाइमर लगाएं और 2-3 मिनट का ब्रेक लें। इस दौरान कुर्सी से उठें, थोड़ा टहलें या पानी पिएं। ये छोटा ब्रेक आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स करेगा और दर्द की आशंका को कम करेगा। अगर आप स्मार्टफोन यूज करते हैं, तो कई ऐप्स हैं जो आपको ब्रेक लेने की याद दिला सकते हैं।
स्ट्रेचिंग से लाएं लचीलापनऑफिस में बैठे-बैठे स्ट्रेचिंग करना बहुत आसान है। हर 1-2 घंटे में 2 मिनट की स्ट्रेचिंग आपके शरीर को तरोताजा रख सकती है। गर्दन को धीरे-धीरे घुमाएं, कंधों को ऊपर-नीचे करें और कमर को हल्का सा मोड़ें। कुर्सी पर बैठे-बैठे ही पैरों को स्ट्रेच करें। ये छोटी-छोटी हरकतें आपकी मांसपेशियों में खून का दौरा बढ़ाती हैं और अकड़न को रोकती हैं।
अपनी डेस्क को बनाएं हेल्दीआपकी डेस्क आपके शरीर के लिए एक सपोर्ट सिस्टम है। कुर्सी की ऊंचाई, कीबोर्ड और माउस की पोजिशन, और मॉनिटर की दूरी को चेक करें। कीबोर्ड और माउस को इस तरह रखें कि आपकी कलाइयां सीधी रहें। अगर मुमकिन हो तो स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल करें या दिन में कुछ देर खड़े होकर काम करें। ये न सिर्फ दर्द कम करता है बल्कि आपकी एनर्जी भी बढ़ाता है।
हाइड्रेशन और मूवमेंट का कमालपानी पीना सिर्फ प्यास बुझाने के लिए नहीं, बल्कि आपके जोड़ों और मांसपेशियों के लिए भी जरूरी है। दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं। हर बार पानी पीने के लिए उठकर जाना एक छोटा सा मूवमेंट है जो आपके शरीर को एक्टिव रखता है। साथ ही, अगर आप लंबे समय तक एक ही पोजिशन में हैं, तो थोड़ा सा हिलना-डुलना न भूलें।
सही कुर्सी और सपोर्ट चुनेंअगर आपकी कुर्सी एर्गोनॉमिक नहीं है, तो उसे बदलने का समय आ गया है। ऐसी कुर्सी चुनें जो आपकी कमर को सपोर्ट दे और जिसमें एडजस्टेबल फीचर्स हों। अगर नई कुर्सी लेना मुमकिन नहीं, तो लंबर सपोर्ट कुशन का इस्तेमाल करें। ये छोटा सा निवेश आपके दर्द को बहुत हद तक कम कर सकता है।
स्क्रीन टाइम को करें बैलेंसलंबे समय तक स्क्रीन देखने से न सिर्फ आंखों पर जोर पड़ता है, बल्कि आपकी गर्दन और कंधे भी अकड़ सकते हैं। 20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर की चीज देखें। साथ ही, अगर आप लैपटॉप यूज करते हैं, तो उसे स्टैंड पर रखें और अलग से कीबोर्ड यूज करें ताकि स्क्रीन आपकी आंखों के लेवल पर रहे।
तनाव को कहें अलविदातनाव भी दर्द का एक बड़ा कारण हो सकता है। काम का प्रेशर आपकी मांसपेशियों को तनावग्रस्त कर सकता है। हर दिन 5 मिनट की डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन करें। ये न सिर्फ आपके दिमाग को शांत करेगा, बल्कि आपके शरीर को भी रिलैक्स करेगा। ऑफिस में छोटी-छोटी स्ट्रेचिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपके तनाव को कम कर सकती हैं।
इन 8 माइक्रो-हैबिट्स को अपने रूटीन में शामिल करें और देखें कि आपका ऑफिस का समय कितना आरामदायक और दर्द-मुक्त हो जाता है। आज से ही शुरुआत करें और अपने शरीर को वो प्यार दें जिसका वो हकदार है!
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