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क्या आप जानते हैं? गिलोय पीने से 10 बीमारियां भाग जाएंगी, आज से ही शुरू करें!

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क्या आपकी सेहत पर बीमारियां हावी हो रही हैं? तनाव, कमजोर इम्यूनिटी या पाचन की दिक्कतें आपको परेशान कर रही हैं? तो जरा रुकिए! आयुर्वेद की ये छोटी-सी लता, गिलोय, आपके लिए संजीवनी बूटी बन सकती है। इसे अमृत या गुडूची भी कहते हैं, क्योंकि ये शरीर को इतनी ताकत देती है कि बीमारियां नामोनिशान हो जाती हैं। आज हम बताते हैं कैसे ये चमत्कारी पौधा आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को हेल्दी बना सकता है। चलिए, स्टेप बाय स्टेप जानते हैं इसके राज।

गिलोय क्या है और क्यों है ये इतना खास?

गिलोय एक कभी न सूखने वाली हरी-भरी लता है, जो जंगलों में आसानी से मिल जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कोर्डिफोलिया है, लेकिन आयुर्वेद में इसे अमृता का दर्जा मिला है। इसकी पत्तियां दिल के आकार की, तना मोटा और जड़ें मजबूत होती हैं। सबसे अच्छी बात? इसके हर हिस्से – पत्ते, तना और जड़ – में छिपे हैं सेहत के खजाने। इसमें ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स जैसे ए, सी, ई और मिनरल्स जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस भरे पड़े हैं। ये गुण इसे डायबिटीज, पीलिया जैसी गंभीर बीमारियों का दुश्मन बनाते हैं। कोरोना के दिनों में तो ये इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर छा गई थी!

इम्यूनिटी बूस्ट करने में गिलोय का कमाल

सबसे बड़ा फायदा? ये आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को इतना मजबूत कर देती है कि वायरल बुखार, सर्दी-खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारियां दरवाजे पर दस्तक ही नहीं देतीं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस को जड़ से उखाड़ फेंकते हैं। अगर आप रोजाना इसका जूस या काढ़ा पिएं, तो शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और ब्लड प्योर हो जाता है। खासकर मौसम बदलने पर ये आपका बेस्ट फ्रेंड साबित होता है।

डायबिटीज और पाचन की समस्याओं से राहत

शुगर के मरीजों के लिए तो गिलोय रामबाण है! ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखती है और इंसुलिन की कामकाजी को बेहतर बनाती है। कब्ज, एसिडिटी या पेट की गड़बड़ी? गिलोय का काढ़ा पिएं और देखें चमत्कार। ये पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है, भूख बढ़ाती है और कफ-पित्त दोषों को बैलेंस करती है। पीलिया के मरीजों के लिए भी ये वरदान है, क्योंकि ये लिवर को साफ करती है और बिलीरुबिन लेवल को कम करती है।

त्वचा, सांस और तनाव जैसी परेशानियों का इलाज

त्वचा पर मुंहासे, चकत्ते या जलन? गिलोय का पेस्ट लगाएं और अलविदा कहें इन परेशानियों को। इसके एंटीऑक्सीडेंट्स स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं। अस्थमा या खांसी से जूझ रहे हैं? ये कफ को कंट्रोल करती है और फेफड़ों को मजबूत बनाती है। ऊपर से, तनाव और डिप्रेशन में भी ये मददगार है – इसके एडाप्टोजेनिक गुण नर्व्स को शांत करते हैं और एनर्जी लेवल ऊंचा रखते हैं। एनीमिया वाले लोगों के लिए भी ये खून की कमी दूर करने में कारगर है।

गिलोय कैसे इस्तेमाल करें? आसान टिप्स

अब सवाल ये कि इसे कैसे अपनाएं? सबसे आसान तरीका – ताजा गिलोय का तना लें, धोकर छोटे टुकड़ों में काटें और 1 गिलास पानी में उबालें। ठंडा होने पर छानकर सुबह खाली पेट पिएं। इसमें अदरक या तुलसी मिला लें तो स्वाद और फायदा दोनों दोगुना! जूस बनाना हो तो पत्तियों को पीसकर निकालें। कैप्सूल या चूर्ण भी बाजार में मिलते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह लें। रोजाना 10-15 दिनों तक ट्राई करें, फर्क खुद महसूस होगा।

सावधानियां: फायदे तो हैं, लेकिन सीमित मात्रा में ही!

गिलोय के फायदे तो अनगिनत हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में नुकसान भी हो सकता है। लो ब्लड प्रेशर वालों को इससे चक्कर आ सकते हैं। ऑटोइम्यून डिसीज या प्रेग्नेंसी में बिना सलाह न लें। हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर से बात करें, खासकर अगर कोई दवा चल रही हो। संतुलन रखें, तो ये आपकी सेहत की सच्ची दोस्त बनेगी।

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